वाइस चांसलर्स लेटर ऑन राहुल गांधी : राहुल गाँधी के खिलाफ २०० विश्वविद्यालय वाइस चांसलर्स ने करडाली कारवाई की मांग, क्या है मामला जानिए

वाइस चांसलर्स लेटर ऑन राहुल गांधी : राहुल गांधी पर कानूनी कार्रवाई की मांगवाइस चांसलरों ने क्यों लिखा खुला खतवाइस। चांसलरों की मांग पर भड़की कांग्रेस। राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई हो। आखिर देश के 200 वाइस चांसलरों ने यह मांग क्यों की है। राहुल गांधी के कौन से बयान से देश के वाइस चांसलर भड़के हुए हैं।

वाइस चांसलर्स लेटर ऑन राहुल गांधी

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क्यों उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग को करते हुए खुला खत लिख दिया है। वजह है राहुल गांधी का वह बयान जिसमें उन्होंने वाइस चांसलर की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए और इसी बयान की वजह से राहुल गांधी अब गिरते हुए नजर आ रहे हैं। और इसी की वजह से देश के करीब 200 यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलरों ने राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। यहां तक की इन लोगों ने साझा बयान जारी कर राहुल गांधी के आरोपी की निंदा की है। दरअसल राहुल गांधी ने कहा था कि वाइस चांसलर की नियुक्ति योग्यता और अर्हता को ताक पर रखकर कुछसंगठनों से संबंधों के आधार पर की जा रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की कुलपतियों के चयन प्रक्रिया पर टिप्पणियों को लेकर अलग-अलग यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलरों और प्रोफेसर ने खुला लेटर लिखा है। इसमें कहा गया है कि राहुल गांधी ने राजनीतिक लाभ के लिए झूठ का सहारा लिया है। जिस प्रक्रिया से कुलपतियों का चयन किया जाता है वह योग्यता और विशिष्ट के मूल्य पर आधारित भीम की विशेषता है। चैन पूरी तरह से शैक्षणिक और प्रशासनिक कौशल पर आधारित है और विश्वविद्यालय को आगे ले जाने की दृष्टि से किया गया है। इसमें आगे कहा गया है कि राहुल गांधी ने झूठ का सहारा लिया है और इसे राजनीतिक लाभ लेने के इरादे से बड़े पैमाने पर हमें बदनाम किया है। इस कारण हमारी प्रार्थना है कि उनके खिलाफ कानून के तहत तुरंत उचित कार्रवाई हो। शिक्षाविदों और कुलपतियों ने लिखा है कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह कहा था कि वाइस चांसलर की नियुक्ति योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि रस से जुड़े होने के कारण दी जाती है। इस मामले पर उप कांग्रेस अध्यक्ष का बयान सामने आया है। उन्होंने कुलपतियों की नियुक्ति उनकी क्षमता और अनुभव के आधार पर नहीं की जा रही है। बल्कि उन्होंने कहा कि उनके द्वारा काम किए गए दोनों की संख्या के आधार पर उनकी नियुक्ति की जा रही है। देखिए वह संसाधन के लोग जो उसमें नियुक्त हो रहे हैं वह उनकी संघ आयु देखी जाती है। उनकी योग्यता नहीं देखी जाती है। उनकी क्षमता नहीं जाती। कितने पुराने वह लोग हैं। वह देखा जाता है कि संघ आयु कितनी है। संघ में कितने दिन काम किया। तो संघ में काम करने वाला व्यक्ति जो भारतीय जनता पार्टी का वर्कर है। कहां पर नियुक्त होगा। तो निश्चित तौर से उसके अंदर ट्रांसपेरेंसी नहीं होगी। और वह कभी भी अपने-अपने विद्यार्थियों के प्रति और वह शिक्षा के प्रति वह कभी भी ईमानदार वफादारी के साथ नहीं कर पाएगा। और कभी उनका भविष्य नहीं बन पाएगा। वह जब भी सिखाएगा तो जो उसने सीखा है वही चीज बच्चों को सिखाएगा। और वह उसके काम करने में भी चीज सामने आएंगेइस मामले पर कांग्रेस नेताहैंपाठक एक एक्सट्रैक्शन कैसे का ऊपर सीबीआई का केस के पेपर रिपोर्ट चल रहा है। और यह डायरेक्टली रस का विदेशी जागरण मंच का नेशनल कोर्ट पर लीडर है। वैसे एक विचारधारा का वह भी आरएसएस का विचारधारा लोग सारे लिखे हैं। और यह लोग बहुत लोग अनक्वालिफाइड लोग हैं। राहुल गांधी के खिलाफ जिस तरह से वाइस चांसलरों ने खुला पत्र लिखा है उसे अब एक नया विवाद जरूर खड़ा हो गया है। 

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केशव वडवळे
मेरा नाम केशव वडवळे है और मैं सरकारी योजनाओं के क्षेत्र में अनुभवी हूं लेखक है. मैं पिछले 6 वर्षों से सरकारी नौकरियों और योजनाओं की नवीनतम जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने के लिए काम कर रहा हूं। फिलहाल मैं IndiaNews615 जैसे बड़े प्लेटफॉर्म में अपना योगदान दे रहा हूं।
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